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भजन संहिता 119:17-21 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

17. अपने दास का उपकार कर, कि मैं जीवित रहूं, और तेरे वचन पर चलता रहूं।

18. मेरी आंखें खोल दे, कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख सकूं।

19. मैं तो पृथ्वी पर परदेशी हूं; अपनी आज्ञाओं को मुझ से छिपाए न रख!

20. मेरा मन तेरे नियमों की अभिलाषा के कारण हर समय खेदित रहता है।

21. तू ने अभिमानियों को, जो शापित हैं, घुड़का है, वे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटके हुए हैं।

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