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भजन संहिता 109:1-12 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. हे परमेश्वर तू जिसकी मैं स्तुति करता हूं, चुप न रह।

2. क्योंकि दुष्ट और कपटी मनुष्यों ने मेरे विरुद्ध मुंह खोला है, वे मेरे विषय में झूठ बोलते हैं।

3. और उन्होंने बैर के वचनों से मुझे चारों ओर घेर लिया है, और व्यर्थ मुझ से लड़ते हैं।

4. मेरे प्रेम के बदले में वे मुझ से विरोध करते हैं, परन्तु मैं तो प्रार्थना में लवलीन रहता हूं।

5. उन्होंने भलाई के पलटे में मुझ से बुराई की और मेरे प्रेम के बदले मुझ से बैर किया है॥

6. तू उसको किसी दुष्ट के अधिकार में रख, और कोई विरोधी उसकी दाहिनी ओर खड़ा रहे।

7. जब उसका न्याय किया जाए, तब वह दोषी निकले, और उसकी प्रार्थना पाप गिनी जाए!

8. उसके दिन थोड़े हों, और उसके पद को दूसरा ले!

9. उसक लड़के बाले अनाथ हो जाएं और उसकी स्त्री विधवा हो जाए!

10. और उसके लड़के मारे मारे फिरें, और भीख मांगा करे; उन को उनके उजड़े हुए घर से दूर जा कर टुकड़े मांगना पड़े!

11. महाजन फन्दा लगा कर, उसका सर्वस्व ले ले; और परदेशी उसकी कमाई को लूट लें!

12. कोई न हो जो उस पर करूणा करता रहे, और उसके अनाथ बालकों पर कोई अनुग्रह न करे!

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