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भजन संहिता 107:5-19 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

5. भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए।

6. तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने उन को सकेती से छुड़ाया;

7. और उन को ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुंचे।

8. लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!

9. क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है॥

10. जो अन्धियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दु:ख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे,

11. इसलिये कि वे ईश्वर के वचनों के विरुद्ध चले, और परमप्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना।

12. तब उसने उन को कष्ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उन को कोई सहायक न मिला।

13. तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उस ने सकेती से उनका उद्धार किया;

14. उसने उन को अन्धियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया; और उन के बन्धनों को तोड़ डाला।

15. लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!

16. क्योंकि उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बेण्डों को टुकड़े टुकड़े किया॥

17. मूढ़ अपनी कुचाल, और अधर्म के कामों के कारण अति दु:खित होते हैं।

18. उनका जी सब भांति के भोजन से मिचलाता है, और वे मृत्यु के फाटक तक पहुंचते हैं।

19. तब वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और व सकेती से उनका उद्धार करता है;

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