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भजन संहिता 106:8-25 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

8. तौभी उसने अपने नाम के निमित्त उनका उद्धार किया, जिस से वह अपने पराक्रम को प्रगट करे।

9. तब उसने लाल समुद्र को घुड़का और वह सूख गया; और वह उन्हें गहिरे जल के बीच से मानों जंगल में से निकाल ले गया।

10. उसने उन्हें बैरी के हाथ से उबारा, और शत्रु के हाथ से छुड़ा लिया।

11. और उन के द्रोही जल में डूब गए; उन में से एक भी न बचा।

12. तब उन्हों ने उसके वचनों का विश्वास किया; और उसकी स्तुति गाने लगे॥

13. परन्तु वे झट उसके कामों को भूल गए; और उसकी युक्ति के लिये न ठहरे।

14. उन्होंने जंगल में अति लालसा की और निर्जल स्थान में ईश्वर की परीक्षा की।

15. तब उसने उन्हें मुंह मांगा वर तो दिया, परन्तु उनके प्राण को सुखा दिया॥

16. उन्होंने छावनी में मूसा के, और यहोवा के पवित्र जन हारून के विषय में डाह की,

17. भूमि फट कर दातान को निगल गई, और अबीराम के झुण्ड को ग्रस लिया।

18. और उन के झुण्ड में आग भड़क उठी; और दुष्ट लोग लौ से भस्म हो गए॥

19. उन्होंने होरब में बछड़ा बनाया, और ढली हुई मूर्ति को दण्डवत की।

20. यों उन्होंने अपनी महिमा अर्थात ईश्वर को घास खाने वाले बैल की प्रतिमा से बदल डाला।

21. वे अपने उद्धारकर्ता ईश्वर को भूल गए, जिसने मिस्त्र में बड़े बड़े काम किए थे।

22. उसने तो हाम के देश में आश्चर्यकर्म और लाल समुद्र के तीर पर भयंकर काम किए थे।

23. इसलिये उसने कहा, कि मैं इन्हें सत्यानाश कर डालता यदि मेरा चुना हुआ मूसा जोखिम के स्थान में उनके लिये खड़ा न होता ताकि मेरी जलजलाहट को ठण्डा करे कहीं ऐसा न हो कि मैं उन्हें नाश कर डालूं॥

24. उन्होंने मनभावने देश को निकम्मा जाना, और उसके वचन की प्रतीति न की।

25. वे अपने तम्बुओं में कुड़कुड़ाए, और यहोवा का कहा न माना।

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