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भजन संहिता 105:28-38 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

28. उसने अन्धकार कर दिया, और अन्धियारा हो गया; और उन्होंने उसकी बातों को न टाला।

29. उसने मिस्त्रियों के जल को लोहू कर डाला, और मछलियों को मार डाला।

30. मेंढक उनकी भूमि में वरन उनके राजा की कोठरियों में भी भर गए।

31. उसने आज्ञा दी, तब डांस आ गए, और उनके सारे देश में कुटकियां आ गईं।

32. उसने उनके लिये जलवृष्टि की सन्ती ओले, और उनके देश में धधकती आग बरसाई।

33. और उसने उनकी दाखलताओं और अंजीर के वृक्षों को वरन उनके देश के सब पेड़ों को तोड़ डाला।

34. उसने आज्ञा दी तब अनगिनत टिडि्डयां, और कीड़े आए,

35. और उन्होंने उनके देश के सब अन्न आदि को खा डाला; और उनकी भूमि के सब फलों को चट कर गए।

36. उसने उनके देश के सब पहिलौठों को, उनके पौरूष के सब पहिले फल को नाश किया॥

37. तब वह अपने गोत्रियों को सोना चांदी दिला कर निकाल लाया, और उन में से कोई निर्बल न था।

38. उनके जाने से मिस्त्री आनन्दित हुए, क्योंकि उनका डर उन में समा गया था।

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