और उन्होंने मैदान में जा कर अपनी अपनी दाख की बारियों के फल तोड़े और उनका रस रौन्दा, और स्तुति का बलिदान कर अपने देवता के मन्दिर में जा कर खाने पीने और अबीमेलेक को कोसने लगे।