29. और उन्होंने उस नगर का नाम इस्राएल के एक पुत्र अपने मूलपुरूष दान के नाम पर दान रखा; परन्तु पहिले तो उस नगर का नाम लैश था।
30. तब दानियों ने उस खुदी हुई मूरत को खड़ा कर लिया; और देश की बन्धुआई के समय वह योनातान जो गेर्शोम का पुत्र और मूसा का पोता था, वह और उसके वंश के लोग दान गोत्र के पुरोहित बने रहे।
31. और जब तक परमेश्वर का भवन शीलो में बना रहा, तब तक वे मीका की खुदवाई हुई मूरत को स्थापित किए रहे॥