अध्याय

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4
  5. 5
  6. 6
  7. 7
  8. 8
  9. 9
  10. 10
  11. 11
  12. 12
  13. 13
  14. 14
  15. 15
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  17. 17
  18. 18
  19. 19
  20. 20
  21. 21

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न्यायियों 17 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. एप्रैम के पहाड़ी देश में मीका नाम एक पुरूष था।

2. उसने अपनी माता से कहा, जो ग्यारह सौ टुकड़े चान्दी तुझ से ले लिए गए थे, जिनके विषय में तू ने मेरे सुनते भी शाप दिया था, वे मेरे पास हैं; मैं ने ही उन को ले लिया था। उसकी माता ने कहा, मेरे बेटे पर यहोवा की ओर से आशीष होए।

3. जब उसने वे ग्यारह सौ टुकड़े चान्दी अपनी माता को फेर दिए; तब माता ने कहा, मैं अपनी ओर से अपने बेटे के लिये यह रूपया यहोवा को निश्चय अर्पण करती हूं ताकि उस से एक मूरत खोदकर, और दूसरी ढालकर बनाईं जाए, सो अब मैं उसे तुझ को फेर देती हूं।

4. जब उसने वह रूपया अपनी माता को फेर दिया, तब माता ने दो सौ टुकड़े ढलवैयों को दिए, और उसने उन से एक मूर्ति खोदकर, और दूसरी ढालकर बनाईं; और वे मीका के घर में रहीं।

5. मीका के पास एक देवस्थान था, तब उसने एक एपोद, और कई एक गृहदेवता बनवाए; और अपने एक बेटे का संस्कार करके उसे अपना पुरोहित ठहरा लिया

6. उन दिनों में इस्राएलियों का कोई राजा न था; जिस को जो ठीक सूझ पड़ता था वही वह करता था॥

7. यहूदा के कुल का एक जवान लेवीय यहूदा के बेतलेहेम में परदेशी हो कर रहता था।

8. वह यहूदा के बेतलेहेम नगर से इसिलिये निकला, कि जहां कहीं स्थान मिले वहां जा रहे। चलते चलते वह एप्रैम के पहाड़ी देश में मीका के घर पर आ निकला।

9. मीका ने उस से पूछा, तू कहां से आता है? उसने कहा, मैं तो यहूदा के बेतलेहेम से आया हुआ एक लेवीय हूं, और इसलिये चला जाता हूं, कि जहां कहीं ठिकाना मुझे मिले वहीं रहूं।

10. मीका ने उस से कहा, मेरे संग रहकर मेरे लिये पिता और पुरोहित बन, और मैं तुझे प्रति वर्ष दस टुकड़े रूपे, और एक जोडा कपड़ा, और भोजनवस्तु दिया करूंगा; तब वह लेवीय भीतर गया।

11. और वह लेवीय उस पुरूष के संग रहने को प्रसन्न हुआ; और वह जवान उसके साथ बेटा सा बना रहा।

12. तब मीका ने उस लेवीय का संस्कार किया, और वह जवान उसका पुरोहित हो कर मीका के घर में रहने लगा।

13. और मीका सोचता था, कि अब मैं जानता हूं कि यहोवा मेरा भला करेगा, क्योंकि मैं ने एक लेवीय को अपना पुरोहित कर रखा है॥