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नीतिवचन 4:21-24 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

21. इन को अपनी आंखों की ओट न होने दे; वरन अपने मन में धारण कर।

22. क्योंकि जिनको वे प्राप्त होती हैं, वे उनके जीवित रहने का, और उनके सारे शरीर के चंगे रहने का कारण होती हैं।

23. सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।

24. टेढ़ी बात अपने मुंह से मत बोल, और चालबाजी की बातें कहना तुझ से दूर रहे।

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