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नीतिवचन 31:21-30 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

21. वह अपने घराने के लिये हिम से नहीं डरती, क्योंकि उसके घर के सब लोग लाल कपड़े पहिनते हैं।

22. वह तकिये बना लेती है; उसके वस्त्र सूक्ष्म सन और बैंजनी रंग के होते हैं।

23. जब उसका पति सभा में देश के पुरनियों के संग बैठता है, तब उसका सम्मान होता है।

24. वह सन के वस्त्र बनाकर बेचती है; और व्योपारी को कमरबन्द देती है।

25. वह बल और प्रताप का पहिरावा पहिने रहती है, और आने वाले काल के विषय पर हंसती है।

26. वह बुद्धि की बात बोलती है, और उस के वचन कृपा की शिक्षा के अनुसार होते हैं।

27. वह अपने घराने के चाल चलन को ध्यान से देखती है, और अपनी रोटी बिना परिश्रम नहीं खाती।

28. उसके पुत्र उठ उठकर उस को धन्य कहते हैं, उनका पति भी उठ कर उसकी ऐसी प्रशंसा करता है:

29. बहुत सी स्त्रियों ने अच्छे अच्छे काम तो किए हैं परन्तु तू उन सभों में श्रेष्ट है।

30. शोभा तो झूठी और सुन्दरता व्यर्थ है, परन्तु जो स्त्री यहोवा का भय मानती है, उसकी प्रशंसा की जाएगी।

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