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नीतिवचन 3:22-35 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

22. तब इन से तुझे जीवन मिलेगा, और ये तेरे गले का हार बनेंगे।

23. और तू अपने मार्ग पर निडर चलेगा, और तेरे पांव में ठेस न लगेगी।

24. जब तू लेटेगा, तब भय न खाएगा, जब तू लेटेगा, तब सुख की नींद आएगी।

25. अचानक आने वाले भय से न डरना, और जब दुष्टों पर विपत्ति आ पड़े, तब न घबराना;

26. क्योंकि यहोवा तुझे सहारा दिया करेगा, और तेरे पांव को फन्दे में फंसने न देगा।

27. जिनका भला करना चाहिये, यदि तुझ में शक्ति रहे, तो उनका भला करने से न रुकना॥

28. यदि तेरे पास देने को कुछ हो, तो अपने पड़ोसी से न कहना कि जा कल फिर आना, कल मैं तुझे दूंगा।

29. जब तेरा पड़ोसी तेरे पास बेखटके रहता है, तब उसके विरूद्ध बुरी युक्ति न बान्धना।

30. जिस मनुष्य ने तुझ से बुरा व्यवहार न किया हो, उस से अकारण मुकद्दमा खड़ा न करना।

31. उपद्रवी पुरूष के विषय में डाह न करना, न उसकी सी चाल चलना;

32. क्योंकि यहोवा कुटिल से घृणा करता है, परन्तु वह अपना भेद सीधे लोगों पर खोलता है॥

33. दुष्ट के घर पर यहोवा का शाप और धर्मियों के वासस्थान पर उसकी आशीष होती है।

34. ठट्ठा करने वालों से वह निश्चय ठट्ठा करता है और दीनों पर अनुग्रह करता है।

35. बुद्धिमान महिमा को पाएंगे, और मूर्खों की बढ़ती अपमान ही की होगी॥

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