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नीतिवचन 23:4-17 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

4. धनी होने के लिये परिश्रम न करना; अपनी समझ का भरोसा छोड़ना।

5. क्या तू अपनी दृष्टि उस वस्तु पर लगाएगा, जो है ही नहीं? वह उकाब पक्षी की नाईं पंख लगा कर, नि:सन्देह आकाश की ओर उड़ जाता है।

6. जो डाह से देखता है, उसकी रोटी न खाना, और न उसकी स्वादिष्ट भोजन वस्तुओं की लालसा करना;

7. क्योंकि जैसा वह अपने मन में विचार करता है, वैसा वह आप है। वह तुझ से कहता तो है, खा पी, परन्तु उसका मन तुझ से लगा नहीं।

8. जो कौर तू ने खाया हो, उसे उगलना पड़ेगा, और तू अपनी मीठी बातों का फल खोएगा।

9. मूर्ख के साम्हने न बोलना, नहीं तो वह तेरे बुद्धि के वचनों को तुच्छ जानेगा।

10. पुराने सिवानों को न बढ़ाना, और न अनाथों के खेत में घुसना;

11. क्योंकि उनका छुड़ाने वाला सामर्थी है; उनका मुकद्दमा तेरे संग वही लड़ेगा।

12. अपना हृदय शिक्षा की ओर, और अपने कान ज्ञान की बातों की ओर लगाना।

13. लड़के की ताड़ना न छोड़ना; क्योंकि यदि तू उसका छड़ी से मारे, तो वह न मरेगा।

14. तू उसका छड़ी से मार कर उसका प्राण अधोलोक से बचाएगा।

15. हे मेरे पुत्र, यदि तू बुद्धिमान हो, तो विशेष कर के मेरा ही मन आनन्दित होगा।

16. और जब तू सीधी बातें बोले, तब मेरा मन प्रसन्न होगा।

17. तू पापियों के विषय मन में डाह न करना, दिन भर यहोवा का भय मानते रहना।

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