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नीतिवचन 20:10-22 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

10. घटती-बढ़ती बटखरे और घटते-बढ़ते नपुए इन दोनों से यहोवा घृणा करता है।

11. लड़का भी अपने कामों से पहिचाना जाता है, कि उसका काम पवित्र और सीधा है, वा नहीं।

12. सुनने के लिये कान और देखने के लिये जो आंखें हैं, उन दोनों को यहोवा ने बनाया है।

13. नींद से प्रीति न रख, नहीं तो दरिद्र हो जाएगा; आंखें खोल तब तू रोटी से तृप्त होगा।

14. मोल लेने के समय ग्राहक तुच्छ तुच्छ कहता है; परन्तु चले जाने पर बड़ाई करता है।

15. सोना और बहुत से मूंगे तो हैं; परन्तु ज्ञान की बातें अनमोल मणी ठहरी हैं।

16. जो अनजाने का उत्तरदायी हुआ उसका कपड़ा, और जो पराए का उत्तरदायी हुआ उस से बंधक की वस्तु ले रख।

17. चोरी-छिपे की रोटी मनुष्य को मीठी तो लगती है, परन्तु पीछे उसका मुंह कंकड़ से भर जाता है।

18. सब कल्पनाएं सम्मति ही से स्थिर होती हैं; और युक्ति के साथ युद्ध करना चाहिये।

19. जो लुतराई करता फिरता है वह भेद प्रगट करता है; इसलिये बकवादी से मेल जोल न रखना।

20. जो अपने माता-पिता को कोसता, उसका दिया बुझ जाता, और घोर अन्धकार हो जाता है।

21. जो भाग पहिले उतावली से मिलता है, अन्त में उस पर आशीष नहीं होती।

22. मत कह, कि मैं बुराई का पलटा लूंगा; वरन यहोवा की बाट जोहता रह, वह तुझ को छुड़ाएगा।

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