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नीतिवचन 19:20-29 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

20. सम्मति को सुन ले, और शिक्षा को ग्रहण कर, कि तू अन्तकाल में बुद्धिमान ठहरे।

21. मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएं होती हैं, परन्तु जो युक्ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।

22. मनुष्य कृपा करने के अनुसार चाहने योग्य होता है, और निर्धन जन झूठ बोलने वाले से उत्तम है।

23. यहोवा का भय मानने से जीवन बढ़ता है; और उसका भय मानने वाला ठिकाना पा कर सुखी रहता है; उस पर विपत्ती नहीं पड़ने की।

24. आलसी अपना हाथ थाली में डालता है, परन्तु अपने मुंह तक कौर नहीं उठाता।

25. ठट्ठा करने वाले को मार, इस से भोला मनुष्य समझदार हो जाएगा; और समझ वाले को डांट, तब वह अधिक ज्ञान पाएगा।

26. जो पुत्र अपने बाप को उजाड़ता, और अपनी मां को भगा देता है, वह अपमान और लज्जा का कारण होगा।

27. हे मेरे पुत्र, यदि तू भटकना चाहता है, तो शिक्षा का सुनना छोड़ दे।

28. अधर्मी साक्षी न्याय को ठट्ठों में उड़ाता है, और दुष्ट लोग अनर्थ काम निगल लेते हैं।

29. ठट्ठा करने वालों के लिये दण्ड ठहराया जाता है, और मूर्खों की पीठ के लिये कोड़े हैं।

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