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नीतिवचन 16:10-19 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

10. राजा के मुंह से दैवी वाणी निकलती है, न्याय करने में उस से चूक नहीं होती।

11. सच्चा तराजू और पलड़े यहोवा की ओर से होते हैं, थैली में जितने बटखरे हैं, सब उसी के बनवाए हुए हैं।

12. दुष्टता करना राजाओं के लिये घृणित काम है, क्योंकि उनकी गद्दी धर्म ही से स्थिर रहती है।

13. धर्म की बात बोलने वालों से राजा प्रसन्न होता है, और जो सीधी बातें बोलता है, उस से वह प्रेम रखता है।

14. राजा का क्रोध मृत्यु के दूत के समान है, परन्तु बुद्धिमान मनुष्य उस को ठण्डा करता है।

15. राजा के मुख की चमक में जीवन रहता है, और उसकी प्रसन्नता बरसात के अन्त की घटा के समान होती है।

16. बुद्धि की प्राप्ति चोखे सोने से क्या ही उत्तम है! और समझ की प्राप्ति चान्दी से अति योग्य है।

17. बुराई से हटना सीधे लोगों के लिये राजमार्ग है, जो अपने चाल चलन की चौकसी करता, वह अपने प्राण की भी रक्षा करता है।

18. विनाश से पहिले गर्व, और ठोकर खाने से पहिले घमण्ड होता है।

19. घमण्डियों के संग लूट बांट लेने से, दीन लोगों के संग नम्र भाव से रहना उत्तम है।

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