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नीतिवचन 14:24-35 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

24. बुद्धिमानों का धन उन का मुकुट ठहरता है, परन्तु मूर्खों की मूढ़ता निरी मूढ़ता है।

25. सच्चा साक्षी बहुतों के प्राण बचाता है, परन्तु जो झूठी बातें उड़ाया करता है उस से धोखा ही होता है।

26. यहोवा के भय मानने से दृढ़ भरोसा होता है, और उसके पुत्रों को शरणस्थान मिलता है।

27. यहोवा का भय मानना, जीवन का सोता है, और उसके द्वारा लोग मृत्यु के फन्दों से बच जाते हैं।

28. राजा की महिमा प्रजा की बहुतायत से होती है, परन्तु जहां प्रजा नहीं, वहां हाकिम नाश हो जाता है।

29. जो विलम्ब से क्रोध करने वाला है वह बड़ा समझ वाला है, परन्तु जो अधीर है, वह मूढ़ता की बढ़ती करता है।

30. शान्त मन, तन का जीवन है, परन्तु मन के जलने से हड्डियां भी जल जाती हैं।

31. जो कंगाल पर अंधेर करता, वह उसके कर्ता की निन्दा करता है, परन्तु जो दरिद्र पर अनुग्रह करता, वह उसकी महिमा करता है।

32. दुष्ट मनुष्य बुराई करता हुआ नाश हो जाता है, परन्तु धर्मी को मृत्यु के समय भी शरण मिलती है।

33. समझ वाले के मन में बुद्धि वास किए रहती है, परन्तु मूर्खों के अन्त:काल में जो कुछ है वह प्रगट हो जाता है।

34. जाति की बढ़ती धर्म ही से होती है, परन्तु पाप से देश के लोगों का अपमान होता है।

35. जो कर्मचारी बुद्धि से काम करता है उस पर राजा प्रसन्न होता है, परन्तु जो लज्जा के काम करता, उस पर वह रोष करता है॥

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