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नीतिवचन 13:11-20 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

11. निर्धन के पास माल नहीं रहता, परन्तु जो अपने परिश्रम से बटोरता, उसकी बढ़ती होती है।

12. जब आशा पूरी होने में विलम्ब होता है, तो मन शिथिल होता है, परन्तु जब लालसा पूरी होती है, तब जीवन का वृक्ष लगता है।

13. जो वचन को तुच्छ जानता, वह नाश हो जाता है, परन्तु आज्ञा के डरवैये को अच्छा फल मिलता है।

14. बुद्धिमान की शिक्षा जीवन का सोता है, और उसके द्वारा लोग मृत्यु के फन्दों से बच सकते हैं।

15. सुबुद्धि के कारण अनुग्रह होता है, परन्तु विश्वासघातियों का मार्ग कड़ा होता है।

16. सब चतुर तो ज्ञान से काम करते हैं, परन्तु मूर्ख अपनी मूढ़ता फैलाता है।

17. दुष्ट दूत बुराई में फंसता है, परन्तु विश्वासयोग्य दूत से कुशल क्षेम होता है।

18. जो शिक्षा को सुनी- अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है, परन्तु जो डांट को मानता, उसकी महिमा होती है।

19. लालसा का पूरा होना तो प्राण को मीठा लगता है, परन्तु बुराई से हटना, मूर्खों के प्राण को बुरा लगता है।

20. बुद्धिमानों की संगति कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा, परन्तु मूर्खों का साथी नाश हो जाएगा।

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