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नीतिवचन 10:6-17 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

6. धर्मी पर बहुत से आर्शीवाद होते हैं, परन्तु उपद्रव दुष्टों का मुंह छा लेता है।

7. धर्मी को स्मरण करके लोग आशीर्वाद देते हैं, परन्तु दुष्टों का नाम मिट जाता है।

8. जो बुद्धिमान है, वह आज्ञाओं को स्वीकार करता है, परन्तु जो बकवादी और मूढ़ है, वह पछाड़ खाता है।

9. जो खराई से चलता है वह निडर चलता है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता है उसकी चाल प्रगट हो जाती है।

10. जो नैन से सैन करता है उस से औरों को दुख मिलता है, और जो बकवादी और मूढ़ है, वह पछाड़ खाता है।

11. धर्मी का मुंह तो जीवन का सोता है, परन्तु उपद्रव दुष्टों का मुंह छा लेता है।

12. बैर से तो झगड़े उत्पन्न होते हैं, परन्तु प्रेम से सब अपराध ढंप जाते हैं।

13. समझ वालों के वचनों में बुद्धि पाई जाती है, परन्तु निर्बुद्धि की पीठ के लिये कोड़ा है।

14. बुद्धिमान लोग ज्ञान को रख छोड़ते हैं, परन्तु मूढ़ के बोलने से विनाश निकट आता है।

15. धनी का धन उसका दृढ़ नगर है, परन्तु कंगाल लोग निर्धन होने के कारण विनाश होते हैं।

16. धर्मी का परिश्रम जीवन के लिये होता है, परन्तु दुष्ट के लाभ से पाप होता है।

17. जो शिक्षा पर चलता वह जीवन के मार्ग पर है, परन्तु जो डांट से मुंह मोड़ता, वह भटकता है।

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