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निर्गमन 33:1-14 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, तू उन लोगों को जिन्हें मिस्र देश से छुड़ा लाया है संग ले कर उस देश को जा, जिसके विषय मैं ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाकर कहा था, कि मैं उसे तुम्हारे वंश को दूंगा।

2. और मैं तेरे आगे आगे एक दूत को भेजूंगा, और कनानी, एमोरी, हित्ती, परिज्जी, हिब्बी, और यबूसी लोगों को बरबस निकाल दूंगा।

3. तुम लोग उस देश को जाओ जिस में दूध और मधु की धारा बहती है; परन्तु तुम हठीले हो, इस कारण मैं तुम्हारे बीच में होके न चलूंगा, ऐसा न हो कि मैं मार्ग में तुम्हारा अन्त कर डालूं।

4. यह बुरा समाचार सुनकर वे लोग विलाप करने लगे; और कोई अपने गहने पहिने हुए न रहा।

5. क्योंकि यहोवा ने मूसा से कह दिया था, कि इस्त्राएलियों को मेरा यह वचन सुना, कि तुम लोग तो हठीले हो; जो मैं पल भर के लिये तुम्हारे बीच हो कर चलूं, तो तुम्हारा अन्त कर डालूंगा। इसलिये अब अपने अपने गहने अपने अंगों से उतार दो, कि मैं जानूं कि तुम्हारे साथ क्या करना चाहिए।

6. तब इस्त्राएली होरेब पर्वत से ले कर आगे को अपने गहने उतारे रहे॥

7. मूसा तम्बू को छावनी से बाहर वरन दूर खड़ा कराया करता था, और उसको मिलापवाला तम्बू कहता था। और जो कोई यहोवा को ढूंढ़ता वह उस मिलाप वाले तम्बू के पास जो छावनी के बाहर था निकल जाता था।

8. और जब जब मूसा तम्बू के पास जाता, तब तब सब लोग उठ कर अपने अपने डेरे के द्वार पर खड़े हो जाते, और जब तक मूसा उस तम्बू में प्रवेश न करता था तब तक उसकी ओर ताकते रहते थे।

9. और जब मूसा उस तम्बू में प्रवेश करता था, तब बादल का खम्भा उतर के तम्बू के द्वार पर ठहर जाता था, और यहोवा मूसा से बातें करने लगता था।

10. और सब लोग जब बादल के खम्भे को तम्बू के द्वार पर ठहरा देखते थे, तब उठ कर अपने अपने डेरे के द्वार पर से दण्डवत करते थे।

11. और यहोवा मूसा से इस प्रकार आम्हने-साम्हने बातें करता था, जिस प्रकार कोई अपने भाई से बातें करे। और मूसा तो छावनी में फिर आता था, पर यहोशू नाम एक जवान, जो नून का पुत्र और मूसा का टहलुआ था, वह तम्बू में से न निकलता था॥

12. और मूसा ने यहोवा से कहा, सुन तू मुझ से कहता है, कि इन लोगों को ले चल; परन्तु यह नहीं बताया कि तू मेरे संग किस को भेजेगा। तौभी तू ने कहा है, कि तेरा नाम मेरे चित्त में बसा है, और तुझ पर मेरे अनुग्रह की दृष्टि है।

13. और अब यदि मुझ पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो, तो मुझे अपनी गति समझा दे, जिस से जब मैं तेरा ज्ञान पाऊं तब तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर बनी रहे। फिर इसकी भी सुधि कर कि यह जाति तेरी प्रजा है।

14. यहोवा ने कहा, मैं आप चलूंगा और तुझे विश्राम दूंगा।

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