15. फिर निवास को खड़ा करने के लिये बबूल की लकड़ी के तख्ते बनवाना।
16. एक एक तख्ते की लम्बाई दस हाथ और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो।
17. एक एक तख्ते में एक दूसरे से जोड़ी हुई दो दो चूलें हों; निवास के सब तख्तों को इसी भांति से बनवाना।
18. और निवास के लिये जो तख्ते तू बनवाएगा उन में से बीस तख्ते तो दक्खिन की ओर के लिये हों;