तो उसका स्वामी उसको परमेश्वर के पास ले चले; फिर उसको द्वार के किवाड़ वा बाजू के पास ले जा कर उसके कान में सुतारी से छेद करें; तब वह सदा उसकी सेवा करता रहे॥