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निर्गमन 14:22-31 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

22. तब इस्राएली समुद्र के बीच स्थल ही स्थल पर हो कर चले, और जल उनकी दाहिनी और बाईं ओर दीवार का काम देता था।

23. तब मिस्री, अर्थात फिरौन के सब घोड़े, रथ, और सवार उनका पीछा किए हुए समुद्र के बीच में चले गए।

24. और रात के पिछले पहर में यहोवा ने बादल और आग के खम्भे में से मिस्रियों की सेना पर दृष्टि करके उन्हें घबरा दिया।

25. और उसने उनके रथों के पहियों को निकाल डाला, जिससे उनका चलना कठिन हो गया; तब मिस्री आपस में कहने लगे, आओ, हम इस्राएलियों के साम्हने से भागें; क्योंकि यहोवा उनकी ओर से मिस्रियों के विरुद्ध युद्ध कर रहा है॥

26. फिर यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ा, कि जल मिस्रियों, और उनके रथों, और सवारों पर फिर बहने लगे।

27. तब मूसा ने अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ाया, और भोर होते होते क्या हुआ, कि समुद्र फिर ज्यों का त्योंअपने बल पर आ गया; और मिस्री उलटे भागने लगे, परन्तु यहोवा ने उन को समुद्र के बीच ही में झटक दिया।

28. और जल के पलटने से, जितने रथ और सवार इस्राएलियों के पीछे समुद्र में आए थे, सो सब वरन फिरौन की सारी सेना उस में डूब गई, और उस में से एक भी न बचा।

29. परन्तु इस्राएली समुद्र के बीच स्थल ही स्थल पर हो कर चले गए, और जल उनकी दाहिनी और बाईं दोनों ओर दीवार का काम देता था।

30. और यहोवा ने उस दिन इस्राएलियों को मिस्रियों के वश से इस प्रकार छुड़ाया; और इस्राएलियों ने मिस्रियों को समुद्र के तट पर मरे पड़े हुए देखा।

31. और यहोवा ने मिस्रियों पर जो अपना पराक्रम दिखलाता था, उसको देखकर इस्राएलियों ने यहोवा का भय माना और यहोवा की और उसके दास मूसा की भी प्रतीति की॥

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