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दानिय्येल 7:16-28 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

16. तब जो लोग पास खड़े थे, उन में से एक के पास जा कर मैं ने उन सारी बातों का भेद पूछा, उस न यह कह कर मुझे उन बातों का अर्थ बताया,

17. उन चार बड़े बड़े जन्तुओं का अर्थ चार राज्य हैं, जो पृथ्वी पर उदय होंगे।

18. परन्तु परमप्रधान के पवित्र लोग राज्य को पाएंगे और युगानयुग उसके अधिकारी बन रहेंगे॥

19. तब मेरे मन में यह इच्छा हुई की उस चौथे जन्तु का भेद भी जान लूं जो और तीनों से भिन्न और अति भयंकर था और जिसके दांत लोहे के और नख पीतल के थे; वह सब कुछ खा डालता, और चूर चूर करता, और बचे हुए को पैरों से रौंद डालता था।

20. फिर उसके सिर में के दस सींगों का भेद, और जिस नये सींग के निकलने से तीन सींग गिर गए, अर्थात जिस सींग की आंखें और बड़ा बोल बोलने वाला मुंह और सब और सींगों से अधिक भयंकर था, उसका भी भेद जानने की मुझे इच्छा हुई।

21. और मैं ने देखा था कि वह सींग पवित्र लोगों के संग लड़ाई कर के उन पर उस समय तक प्रबल भी हो गया,

22. जब तब वह अति प्राचीन न आया, और परमप्रधान के पवित्र लोग न्यायी न ठहरे, और उन पवित्र लोगों के राज्याधिकारी होने का समय न आ पहुंचा॥

23. उसने कहा, उस चौथे जन्तु का अर्थ, एक चौथा राज्य है, जो पृथ्वी पर हो कर और सब राज्यों से भिन्न होगा, और सारी पृथ्वी को नाश करेगा, और दांवकर चूर-चूर करेगा।

24. और उन दस सींगों का अर्थ यह है, कि उस राज्य में से दास राजा उठेंगे, और उनके बाद उन पहिलों से भिन्न एक और राजा उठेगा, जो तीन राजाओं को गिरा देगा।

25. और वह परमप्रधान के विरुद्ध बातें कहेगा, और परमप्रधान के पवित्र लोगों को पीस डालेगा, और समयों और व्यवस्था के बदल देने की आशा करेगा, वरन साढ़े तीन काल तक वे सब उसके वश में कर दिए जाएंगे।

26. परन्तु, तब न्यायी बैठेंगे, और उसकी प्रभुता छीन कर मिटाई और नाश की जाएगी; यहां तक कि उसका अन्त ही हो जाएगा।

27. तब राज्य और प्रभुता और धरती पर के राज्य की महिमा, परमप्रधान ही की प्रजा अर्थात उसके पवित्र लोगों को दी जाएगी, उसका राज्य सदा का राज्य है, और सब प्रभुता करने वाले उसके आधीन होंगे और उसकी आज्ञा मानेंगे।

28. इस बात का वर्णन मैं अब कर चुका, परन्तु मुझ दानिय्येल के मन में बड़ी घबराहट बनी रही, और मैं भयभीत हो गया; और इस बात को मैं अपने मन में रखे रहा॥

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