2. पहिले रथ में लाल घोड़े और दूरे रथ में काले,
3. तीसरे रथ में श्वेत और चौथे रथ में चितकबरे और बादामी घोड़े हैं।
4. तब मैं ने उस दूत से जो मुझ से बातें करता था, पूछा, हे मेरे प्रभु, ये क्या हैं?
5. दूत ने मुझ से कहा, ये आकाश के चारों वायु हैं जो सारी पृथ्वी के प्रभु के पास उपस्थित रहते हैं, परन्तु अब निकल आए हैं।
6. जिस रथ में काले घोड़े हैं, वह उत्तर देश की ओर जाता है, और श्वेत घोडे उनके पीछे पीछे चले जाते हैं, और चितकबरे घोड़े दक्खिन देश की ओर जाते हैं।
7. और बादामी घोड़ों ने निकल कर चाहा कि जा कर पृथ्वी पर फेरा करें। सो दूत ने कहा, जा कर पृथ्वी पर फेरा करो। तब वे पृथ्वी पर फेरा करने लगे।
8. तब उसने मुझ से पुकार कर कहा, देख, वे जो उत्तर के देश की ओर जाते हैं, उन्होंने वहां मेरे प्राण को ठण्डा किया है॥