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गिनती 4:5-16 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

5. अर्थात जब जब छावनी का कूच हो तब तब हारून और उसके पुत्र भीतर आकर, बीच वाले पर्दे को उतार के उससे साक्षीपत्र के सन्दूक को ढ़ांप दें;

6. तब वे उस पर सूइसों की खालों का ओहार डालें, और उसके ऊपर सम्पूर्ण नीले रंग का कपड़ा डालें, और सन्दूक में डण्डों को लगाएं।

7. फिर भेंटवाली रोटी की मेज़ पर नीला कपड़ा बिछाकर उस पर परातों, धूपदानों, करवों, और उंडेलने के कटोरों को रखें; और नित्य की रोटी भी उस पर हो;

8. तब वे उन पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उसको सुइसों की खालों के ओहार से ढ़ापे, और मेज़ के डण्डों को लगा दें।

9. फिर वे नीले रंग का कपड़ा ले कर दीपकों, गलतराशों, और गुलदानों समेत उजियाला देने वाले दीवट को, और उसके सब तेल के पात्रों को जिन से उसकी सेवा टहल होती है ढांपे;

10. तब वे सारे सामान समेत दीवट को सूइसों की खालों के ओहार के भीतर रखकर डण्डे पर धर दें।

11. फिर वे सोने की वेदी पर एक नीला कपड़ा बिछाकर उसको सूइसों की खालों के ओहार से ढ़ांपें, और उसके डण्डों को लगा दें।

12. तब वे सेवा टहल के सारे सामान को ले कर, जिस से पवित्रस्थान में सेवा टहल होती है, नीले कपड़े के भीतर रखकर सूइसों की खालों के ओहार से ढांपे, और डण्डे पर धर दें।

13. फिर वे वेदी पर से सब राख उठा कर वेदी पर बैंजनी रंग का कपड़ा बिछाएं;

14. तब जिस सामान से वेदी पर की सेवा टहल होती है वह सब, अर्थात उसके करछे, कांटे, फावडिय़ां, और कटोरे आदि, वेदी का सारा सामान उस पर रखें; और उसके ऊपर सूइसों की खालों का ओहार बिछाकर वेदी में डण्डों को लगाएं।

15. और जब हारून और उसके पुत्र छावनी के कूच के समय पवित्रस्थान और उसके सारे सामान को ढ़ांप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिये आएं, पर किसी पवित्र वस्तु को न छुएं, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएं। कहातियों के उठाने के लिये मिलापवाले तम्बू की ये ही वस्तुएं हैं।

16. और जो वस्तुएं हारून याजक के पुत्र एलीजार को रक्षा के लिये सौंपी जाएं वे ये हैं, अर्थात उजियाला देने के लिये तेल, और सुगन्धित धूप, और नित्य अन्नबलि, और अभिषेक का तेल, और सारे निवास, और उस में की सब वस्तुएं, और पवित्रस्थान और उसके कुल समान॥

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