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गिनती 4:14-29 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

14. तब जिस सामान से वेदी पर की सेवा टहल होती है वह सब, अर्थात उसके करछे, कांटे, फावडिय़ां, और कटोरे आदि, वेदी का सारा सामान उस पर रखें; और उसके ऊपर सूइसों की खालों का ओहार बिछाकर वेदी में डण्डों को लगाएं।

15. और जब हारून और उसके पुत्र छावनी के कूच के समय पवित्रस्थान और उसके सारे सामान को ढ़ांप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिये आएं, पर किसी पवित्र वस्तु को न छुएं, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएं। कहातियों के उठाने के लिये मिलापवाले तम्बू की ये ही वस्तुएं हैं।

16. और जो वस्तुएं हारून याजक के पुत्र एलीजार को रक्षा के लिये सौंपी जाएं वे ये हैं, अर्थात उजियाला देने के लिये तेल, और सुगन्धित धूप, और नित्य अन्नबलि, और अभिषेक का तेल, और सारे निवास, और उस में की सब वस्तुएं, और पवित्रस्थान और उसके कुल समान॥

17. फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,

18. कहातियों के कुलों के गोत्रियों को लेवियों में से नाश न होने देना;

19. उसके साथ ऐसा करो, कि जब वे परमपवित्र वस्तुओं के समीप आएं तब न मरें परन्तु जीवित रहें; अर्थात हारून और उसके पुत्र भीतर आकर एक एक के लिये उसकी सेवकाई और उसका भार ठहरा दें,

20. और वे पवित्र वस्तुओं के देखने को झण भर के लिये भी भीतर आने न पाएं, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएं॥

21. फिर यहोवा ने मूसा से कहा,

22. गेर्शोनियों की भी गिनती उनके पितरों के घरानों और कुलों के अनुसार कर;

23. तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष तक की अवस्था वाले, जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने को सेना में भरती हों उन सभों को गिन ले।

24. सेवा करने और भार उठाने में गेर्शोनियों के कुल वालों की यह सेवकाई हो;

25. अर्थात वे निवास के पटों, और मिलापवाले तम्बू और उसके ओहार, और इसके ऊपर वाले सूइसों की खालों के ओहार, और मिलापवाले तम्बू के द्वार के पर्दे,

26. और निवास, और वेदी की चारों ओर के आंगन के पर्दों, और आंगन के द्वार के पर्दे, और उनकी डोरियों, और उन में बरतने के सारे सामान, इन सभों को वे उठाया करें; और इन वस्तुओं से जितना काम होता है वह सब भी उनकी सेवकाई में आए।

27. और गेर्शोनियों के वंश की सारी सेवकाई हारून और उसके पुत्रों के कहने से हुआ करे, अर्थात जो कुछ उन को उठाना, और जो जो सेवकाई उन को करनी हो, उनका सारा भार तुम ही उन्हें सौपा करो।

28. मिलापवाले तम्बू में गेर्शोनियों के कुलों की यही सेवकाई ठहरे; और उन पर हारून याजक का पुत्र ईतामार अधिकार रखे॥

29. फिर मरारियों को भी तू उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिन लें;

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