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गिनती 30:1-7 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. फिर मूसा ने इस्त्राएली गोत्रों के मुख्य मुख्य पुरूषों से कहा, यहोवा ने यह आज्ञा दी है,

2. कि जब कोई पुरूष यहोवा की मन्नत माने, वा अपने आप को वाचा से बान्धने के लिये शपथ खाए, तो वह अपना वचन न टाले; जो कुछ उसके मुंह से निकला हो उसके अनुसार वह करे।

3. और जब कोई स्त्री अपनी कुंवारी अवस्था में, अपने पिता के घर से रहते हुए, यहोवा की मन्नत माने, वा अपने को वाचा से बान्धे,

4. तो यदि उसका पिता उसकी मन्नत वा उसका वह वचन सुनकर, जिस से उसने अपने आप को बान्धा हो, उससे कुछ न कहे; तब तो उसकी सब मन्नतें स्थिर बनी रहें, और कोई बन्धन क्यों न हो, जिस से उसने अपने आप को बान्धा हो, वह भी स्थिर रहे।

5. परन्तु यदि उसका पिता उसकी सुनकर उसी दिन उसको बरजे, तो उसकी मन्नतें वा और प्रकार के बन्धन, जिन से उसने अपने आप को बान्धा हो, उन में से एक भी स्थिर न रहे, और यहोवा यह जान कर, कि उस स्त्री के पिता ने उसे मना कर दिया है, उसका यह पाप क्षमा करेगा।

6. फिर यदि वह पति के आधीन हो और मन्नत माने, वा बिना सोच विचार किए ऐसा कुछ कहे जिस से वह बन्धन में पड़े,

7. और यदि उसका पति सुनकर उस दिन उससे कुछ न कहे; तब तो उसकी मन्नतें स्थिर रहें, और जिन बन्धनों से उसने अपने आप को बान्धा हो वह भी स्थिर रहें।

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