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गिनती 14:13-25 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. मूसा ने यहोवा से कहा, तब तो मिस्री जिनके मध्य में से तू अपनी सामर्थ्य दिखाकर उन लोगों को निकाल ले आया है यह सुनेंगे,

14. और इस देश के निवासियों कहेंगे। उन्होंने तो यह सुना है, कि तू जो यहोवा है इन लोगों के मध्य में रहता है; और प्रत्यक्ष दिखाई देता है, और तेरा बादल उनके ऊपर ठहरा रहता है, और तू दिन को बादल के खम्भे में, और रात को अग्नि के खम्भे में हो कर इनके आगे आगे चला करता है।

15. इसलिये यदि तू इन लोगों को एक ही बार में मार डाले, तो जिन जातियों ने तेरी कीर्ति सुनी है वे कहेंगी,

16. कि यहोवा उन लोगों को उस देश में जिसे उसने उन्हें देने की शपथ खाई थी पहुंचा न सका, इस कारण उसने उन्हें जंगल में घात कर डाला है।

17. सो अब प्रभु की सामर्थ्य की महिमा तेरे इस कहने के अनुसार हो,

18. कि यहोवा कोप करने में धीरजवन्त और अति करूणामय है, और अधर्म और अपराध का क्षमा करनेवाला है, परन्तु वह दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा, और पूर्वजों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों, और पोतों, और परपोतों को देता है।

19. अब इन लोगों के अधर्म को अपनी बड़ी करूणा के अनुसार, और जैसे तू मिस्र से ले कर यहां तक क्षमा करता रहा है वैसे ही अब भी क्षमा कर दे।

20. यहोवा ने कहा, तेरी बिनती के अनुसार मैं क्षमा करता हूं;

21. परन्तु मेरे जीवन की शपथ सचमुच सारी पृथ्वी यहोवा की महिमा से परिपूर्ण हो जाएगी;

22. उन सब लोगों ने जिन्होंने मेरी महिमा मिस्र देश में और जंगल में देखी, और मेरे किए हुए आश्चर्यकर्मों को देखने पर भी दस बार मेरी परीक्षा की, और मेरी बातें नहीं मानी,

23. इसलिये जिस देश के विषय मैं ने उनके पूर्वजों से शपथ खाई, उसको वे कभी देखने न पाएंगे; अर्थात जितनों ने मेरा अपमान किया है उन में से कोई भी उसे देखने न पाएगा।

24. परन्तु इस कारण से कि मेरे दास कालिब के साथ और ही आत्मा है, और उसने पूरी रीति से मेरा अनुकरण किया है, मैं उसको उस देश में जिस में वह हो आया है पहुंचाऊंगा, और उसका वंश उस देश का अधिकारी होगा।

25. अमालेकी और कनानी लोग तराई में रहते हैं, सो कल तुम घूमकर प्रस्थान करो, और लाल समुद्र के मार्ग से जंगल में जाओ॥

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