जिस प्रकार तू ने मेरे पवित्र पर्वत पर पिया, उसी प्रकार से सारी अन्यजातियां लगातार पीती रहेंगी, वरन वे सुड़क-सुड़ककर पीएंगी, और एसी हो जाएंगी जैसी कभी हुई ही नहीं।