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उत्पत्ति 7:3-12 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

3. और आकाश के पक्षियों में से भी, सात सात, अर्थात नर और मादा लेना: कि उनका वंश बचकर सारी पृथ्वी के ऊपर बना रहे।

4. क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा; जितनी वस्तुएं मैं ने बनाईं हैं सब को भूमि के ऊपर से मिटा दूंगा।

5. यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार नूह ने किया।

6. नूह की अवस्था छ: सौ वर्ष की थी, जब जलप्रलय पृथ्वी पर आया।

7. नूह अपने पुत्रों, पत्नी और बहुओं समेत, जलप्रलय से बचने के लिये जहाज में गया।

8. और शुद्ध, और अशुद्ध दोनो प्रकार के पशुओं में से, पक्षियों,

9. और भूमि पर रेंगने वालों में से भी, दो दो, अर्थात नर और मादा, जहाज में नूह के पास गए, जिस प्रकार परमेश्वर ने नूह को आज्ञा दी थी।

10. सात दिन के उपरान्त प्रलय का जल पृथ्वी पर आने लगा।

11. जब नूह की अवस्था के छ: सौवें वर्ष के दूसरे महीने का सत्तरहवां दिन आया; उसी दिन बड़े गहिरे समुद्र के सब सोते फूट निकले और आकाश के झरोखे खुल गए।

12. और वर्षा चालीस दिन और चालीस रात निरन्तर पृथ्वी पर होती रही।

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