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उत्पत्ति 50:20-26 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

20. यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं।

21. सो अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन पोषण करता रहूंगा; इस प्रकार उसने उन को समझा बुझाकर शान्ति दी॥

22. और यूसुफ अपने पिता के घराने समेत मिस्र में रहता रहा, और यूसुफ एक सौ दस वर्ष जीवित रहा।

23. और यूसुफ एप्रैम के परपोतों तक देखने पाया: और मनश्शे के पोते, जो माकीर के पुत्र थे, वे उत्पन्न हो कर यूसुफ से गोद में लिए गए।

24. और यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा मैं तो मरने पर हूं; परन्तु परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, और तुम्हें इस देश से निकाल कर उस देश में पहुंचा देगा, जिसके देने की उसने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाई थी।

25. फिर यूसुफ ने इस्राएलियों से यह कहकर, कि परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, उन को इस विषय की शपथ खिलाई, कि हम तेरी हड्डियों को वहां से उस देश में ले जाएंगे।

26. निदान यूसुफ एक सौ दस वर्ष का हो कर मर गया: और उसकी लोथ में सुगन्धद्रव्य भरे गए, और वह लोथ मिस्र में एक सन्दूक में रखी गई॥

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