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उत्पत्ति 41:15-22 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

15. फिरौन ने यूसुफ से कहा, मैं ने एक स्वप्न देखा है, और उसके फल का बताने वाला कोई भी नहीं; और मैं ने तेरे विषय में सुना है, कि तू स्वप्न सुनते ही उसका फल बता सकता है।

16. यूसुफ ने फिरौन से कहा, मैं तो कुछ नहीं जानता: परमेश्वर ही फिरौन के लिये शुभ वचन देगा।

17. फिर फिरौन यूसुफ से कहने लगा, मैं ने अपने स्वप्न में देखा, कि मैं नील नदी के किनारे पर खड़ा हूं

18. फिर, क्या देखा, कि नदी में से सात मोटी और सुन्दर सुन्दर गायें निकल कर कछार की घास चरने लगी।

19. फिर, क्या देखा, कि उनके पीछे सात और गायें निकली, जो दुबली, और बहुत कुरूप, और दुर्बल हैं; मैं ने तो सारे मिस्र देश में ऐसी कुडौल गायें कभी नहीं देखीं।

20. और इन दुर्बल और कुडौल गायों ने उन पहली सातों मोटी मोटी गायों को खा लिया।

21. और जब वे उन को खा गई तब यह मालूम नहीं होता था कि वे उन को खा गई हैं, क्योंकि वे पहिले की नाईं जैसी की तैसी कुडौल रहीं। तब मैं जाग उठा।

22. फिर मैं ने दूसरा स्वप्न देखा, कि एक ही डंठी में सात अच्छी अच्छी और अन्न से भरी हुई बालें निकलीं।

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