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उत्पत्ति 37:13-25 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, तेरे भाई तो शकेम ही में भेड़-बकरी चरा रहें होंगे, सो जा, मैं तुझे उनके पास भेजता हूं। उसने उससे कहा जो आज्ञा मैं हाजिर हूं।

14. उसने उससे कहा, जा, अपने भाइयों और भेड़-बकरियों का हाल देख आ कि वे कुशल से तो हैं, फिर मेरे पास समाचार ले आ। सो उसने उसको हेब्रोन की तराई में विदा कर दिया, और वह शकेम में आया।

15. और किसी मनुष्य ने उसको मैदान में इधर उधर भटकते हुए पाकर उससे पूछा, तू क्या ढूंढता है?

16. उसने कहा, मैं तो अपने भाइयों को ढूंढता हूं: कृपा कर मुझे बता, कि वे भेड़-बकरियों को कहां चरा रहे हैं?

17. उस मनुष्य ने कहा, वे तो यहां से चले गए हैं: और मैं ने उन को यह कहते सुना, कि आओ, हम दोतान को चलें। सो यूसुफ अपने भाइयों के पास चला, और उन्हें दोतान में पाया।

18. और ज्योंही उन्होंने उसे दूर से आते देखा, तो उसके निकट आने के पहिले ही उसे मार डालने की युक्ति की।

19. और वे आपस में कहने लगे, देखो, वह स्वप्न देखनेहारा आ रहा है।

20. सो आओ, हम उसको घात करके किसी गड़हे में डाल दें, और यह कह देंगे, कि कोई दुष्ट पशु उसको खा गया। फिर हम देखेंगे कि उसके स्वप्नों का क्या फल होगा।

21. यह सुनके रूबेन ने उसको उनके हाथ से बचाने की मनसा से कहा, हम उसको प्राण से तो न मारें।

22. फिर रूबेन ने उन से कहा, लोहू मत बहाओ, उसको जंगल के इस गड़हे में डाल दो, और उस पर हाथ मत उठाओ। वह उसको उनके हाथ से छुड़ाकर पिता के पास फिर पहुंचाना चाहता था।

23. सो ऐसा हुआ, कि जब यूसुफ अपने भाइयों के पास पहुंचा तब उन्हों ने उसका रंगबिरंगा अंगरखा, जिसे वह पहिने हुए था, उतार लिया।

24. और यूसुफ को उठा कर गड़हे में डाल दिया: वह गड़हा तो सूखा था और उस में कुछ जल न था।

25. तब वे रोटी खाने को बैठ गए: और आंखे उठा कर क्या देखा, कि इश्माएलियों का एक दल ऊंटो पर सुगन्धद्रव्य, बलसान, और गन्धरस लादे हुए, गिलाद से मिस्र को चला जा रहा है।

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