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उत्पत्ति 33:1-11 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. और याकूब ने आंखें उठा कर यह देखा, कि ऐसाव चार सौ पुरूष संग लिये हुए चला जाता है। तब उसने लड़के बालों को अलग अलग बांट कर लिआ, और राहेल, और दोनों लौंडियों को सौंप दिया।

2. और उसने सब के आगे लड़कों समेत लौंडियों को उसके पीछे लड़कों समेत लिआ: को, और सब के पीछे राहेल और यूसुफ को रखा,

3. और आप उन सब के आगे बढ़ा, और सात बार भूमि पर गिर के दण्डवत की, और अपने भाई के पास पहुंचा।

4. तब ऐसाव उससे भेंट करने को दौड़ा, और उसको हृदय से लगा कर, गले से लिपट कर चूमा: फिर वे दोनों रो पड़े।

5. तब उसने आंखे उठा कर स्त्रियों और लड़के बालों को देखा; और पूछा, ये जो तेरे साथ हैं सो कौन हैं? उसने कहा, ये तेरे दास के लड़के हैं, जिन्हें परमेश्वर ने अनुग्रह कर के मुझ को दिया है।

6. तब लड़कों समेत लौंडियों ने निकट आकर दण्डवत की।

7. फिर लड़कों समेत लिआ: निकट आई, और उन्होंने भी दण्डवत की: पीछे यूसुफ और राहेल ने भी निकट आकर दण्डवत की।

8. तब उसने पूछा, तेरा यह बड़ा दल जो मुझ को मिला, उसका क्या प्रयोजन है? उसने कहा, यह कि मेरे प्रभु की अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।

9. ऐसाव ने कहा, हे मेरे भाई, मेरे पास तो बहुत है; जो कुछ तेरा है सो तेरा ही रहे।

10. याकूब ने कहा, नहीं नहीं, यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मेरी भेंट ग्रहण कर: क्योंकि मैं ने तेरा दर्शन पाकर, मानो परमेश्वर का दर्शन पाया है, और तू मुझ से प्रसन्न हुआ है।

11. सो यह भेंट, जो तुझे भेजी गई है, ग्रहण कर: क्योंकि परमेश्वर ने मुझ पर अनुग्रह किया है, और मेरे पास बहुत है। जब उसने उस को दबाया, तब उस ने भेंट को ग्रहण किया।

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