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उत्पत्ति 26:17-34 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

17. सो इसहाक वहां से चला गया, और गरार के नाले में तम्बू खड़ा करके वहां रहने लगा।

18. तब जो कुएं उसके पिता इब्राहीम के दिनों में खोदे गए थे, और इब्राहीम के मरने के पीछे पलिश्तियों ने भर दिए थे, उन को इसहाक ने फिर से खुदवाया; और उनके वे ही नाम रखे, जो उसके पिता ने रखे थे।

19. फिर इसहाक के दासों को नाले में खोदते खोदते बहते जल का एक सोता मिला।

20. तब गरारी चरवाहों ने इसहाक के चरवाहों से झगड़ा किया, और कहा, कि यह जल हमारा है। सो उसने उस कुएं का नाम एसेक रखा इसलिये कि वे उससे झगड़े थे।

21. फिर उन्होंने दूसरा कुआं खोदा; और उन्होंने उसके लिये भी झगड़ा किया, सो उसने उसका नाम सित्रा रखा।

22. तब उसने वहां से कूच करके एक और कुआं खुदवाया; और उसके लिये उन्होंने झगड़ा न किया; सो उसने उसका नाम यह कह कर रहोबोत रखा, कि अब तो यहोवा ने हमारे लिये बहुत स्थान दिया है, और हम इस देश में फूलें-फलेंगे।

23. वहां से वह बेर्शेबा को गया।

24. और उसी दिन यहोवा ने रात को उसे दर्शन देकर कहा, मैं तेरे पिता इब्राहीम का परमेश्वर हूं; मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूं, और अपने दास इब्राहीम के कारण तुझे आशीष दूंगा, और तेरा वंश बढ़ाऊंगा

25. तब उसने वहां एक वेदी बनाई, और यहोवा से प्रार्थना की, और अपना तम्बू वहीं खड़ा किया; और वहां इसहाक के दासों ने एक कुआं खोदा।

26. तब अबीमेलेक अपने मित्र अहुज्जत, और अपने सेनापति पीकोल को संग ले कर, गरार से उसके पास गया।

27. इसहाक ने उन से कहा, तुम ने मुझ से बैर करके अपने बीच से निकाल दिया था; सो अब मेरे पास क्यों आए हो?

28. उन्होंने कहा, हम ने तो प्रत्यक्ष देखा है, कि यहोवा तेरे साथ रहता है: सो हम ने सोचा, कि तू तो यहोवा की ओर से धन्य है, सो हमारे तेरे बीच में शपथ खाई जाए, और हम तुझ से इस विषय की वाचा बन्धाएं;

29. कि जैसे हम ने तुझे नहीं छूआ, वरन तेरे साथ निरी भलाई की है, और तुझ को कुशल क्षेम से विदा किया, उसके अनुसार तू भी हम से कोई बुराई न करेगा।

30. तब उसने उनकी जेवनार की, और उन्होंने खाया पिया।

31. बिहान को उन सभों ने तड़के उठ कर आपस में शपथ खाई; तब इसहाक ने उन को विदा किया, और वे कुशल क्षेम से उसके पास से चले गए।

32. उसी दिन इसहाक के दासों ने आकर अपने उस खोदे हुए कुएं का वृत्तान्त सुना के कहा, कि हम को जल का एक सोता मिला है।

33. तब उसने उसका नाम शिबा रखा: इसी कारण उस नगर का नाम आज तक बेर्शेबा पड़ा है॥

34. जब ऐसाव चालीस वर्ष का हुआ, तब उसने हित्ती बेरी की बेटी यहूदीत, और हित्ती एलोन की बेटी बाशमत को ब्याह लिया।

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