31. याकूब ने कहा, अपना पहिलौठे का अधिकार आज मेरे हाथ बेच दे।
32. ऐसाव ने कहा, देख, मैं तो अभी मरने पर हूं: सो पहिलौठे के अधिकार से मेरा क्या लाभ होगा?
33. याकूब ने कहा, मुझ से अभी शपथ खा: सो उसने उससे शपथ खाई: और अपना पहिलौठे का अधिकार याकूब के हाथ बेच डाला।
34. इस पर याकूब ने ऐसाव को रोटी और पकाई हुई मसूर की दाल दी; और उसने खाया पिया, तब उठ कर चला गया। यों ऐसाव ने अपना पहिलौठे का अधिकार तुच्छ जाना॥