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उत्पत्ति 25:17-29 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

17. इश्माएल की सारी अवस्था एक सौ सैंतीस वर्ष की हुई: तब उसके प्राण छूट गए, और वह अपने लोगों में जा मिला।

18. और उसके वंश हवीला से शूर तक, जो मिस्र के सम्मुख अश्शूर् के मार्ग में है, बस गए। और उनका भाग उनके सब भाई बन्धुओं के सम्मुख पड़ा॥

19. इब्राहीम के पुत्र इसहाक की वंशावली यह है: इब्राहीम से इसहाक उत्पन्न हुआ।

20. और इसहाक ने चालीस वर्ष का हो कर रिबका को, जो पद्दनराम के वासी, अरामी बतूएल की बेटी, और अरामी लाबान की बहिन भी, ब्याह लिया।

21. इसहाक की पत्नी तो बांझ थी, सो उस ने उस के निमित्त यहोवा से बिनती की: और यहोवा ने उसकी बिनती सुनी, सो उसकी पत्नी रिबका गर्भवती हुई।

22. और लड़के उसके गर्भ में आपस में लिपट के एक दूसरे को मारने लगे: तब उसने कहा, मेरी जो ऐसी ही दशा रहेगी तो मैं क्योंकर जीवित रहूंगी? और वह यहोवा की इच्छा पूछने को गई।

23. तब यहोवा ने उससे कहा तेरे गर्भ में दो जातियां हैं, और तेरी कोख से निकलते ही दो राज्य के लोग अलग अलग होंगे, और एक राज्य के लोग दूसरे से अधिक सामर्थी होंगे और बड़ा बेटा छोटे के आधीन होगा।

24. जब उसके पुत्र उत्पन्न होने का समय आया, तब क्या प्रगट हुआ, कि उसके गर्भ में जुड़वें बालक हैं।

25. और पहिला जो उत्पन्न हुआ सो लाल निकला, और उसका सारा शरीर कम्बल के समान रोममय था; सो उसका नाम ऐसाव रखा गया।

26. पीछे उसका भाई अपने हाथ से ऐसाव की एड़ी पकड़े हुए उत्पन्न हुआ; और उसका नाम याकूब रखा गया। और जब रिबका ने उन को जन्म दिया तब इसहाक साठ वर्ष का था।

27. फिर वे लड़के बढ़ने लगे और ऐसाव तो वनवासी हो कर चतुर शिकार खेलने वाला हो गया, पर याकूब सीधा मनुष्य था, और तम्बुओं में रहा करता था।

28. और इसहाक तो ऐसाव के अहेर का मांस खाया करता था, इसलिये वह उससे प्रीति रखता था: पर रिबका याकूब से प्रीति रखती थी॥

29. याकूब भोजन के लिये कुछ दाल पका रहा था: और ऐसाव मैदान से थका हुआ आया।

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