34. तब उसने कहा, मैं तो इब्राहीम का दास हूं।
35. और यहोवा ने मेरे स्वामी को बड़ी आशीष दी है; सो वह महान पुरूष हो गया है; और उसने उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, सोना-रूपा, दास-दासियां, ऊंट और गदहे दिए हैं।
36. और मेरे स्वामी की पत्नी सारा के बुढ़ापे में उससे एक पुत्र उत्पन्न हुआ है। और उस पुत्र को इब्राहीम ने अपना सब कुछ दे दिया है।
37. और मेरे स्वामी ने मुझे यह शपथ खिलाई, कि मैं उसके पुत्र के लिये कनानियों की लड़कियों में से जिन के देश में वह रहता है, कोई स्त्री न ले आऊंगा।
38. मैं उसके पिता के घर, और कुल के लोगों के पास जा कर उसके पुत्र के लिये एक स्त्री ले आऊंगा।