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उत्पत्ति 24:26-37 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

26. तब उस पुरूष ने सिर झुका कर यहोवा को दण्डवत करके कहा,

27. धन्य है मेरे स्वामी इब्राहीम का परमेश्वर यहोवा, कि उसने अपनी करूणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से हटा नहीं लिया: यहोवा ने मुझ को ठीक मार्ग पर चला कर मेरे स्वामी के भाई बन्धुओं के घर पर पहुचा दिया है।

28. और उस कन्या ने दौड़ कर अपनी माता के घर में यह सारा वृत्तान्त कह सुनाया।

29. तब लाबान जो रिबका का भाई था, सो बाहर कुएं के निकट उस पुरूष के पास दौड़ा गया।

30. और ऐसा हुआ कि जब उसने वह नथ और अपनी बहिन रिबका के हाथों में वे कंगन भी देखे, और उसकी यह बात भी सुनी, कि उस पुरूष ने मुझ से ऐसी बातें कहीं; तब वह उस पुरूष के पास गया; और क्या देखा, कि वह सोते के निकट ऊंटों के पास खड़ा है।

31. उसने कहा, हे यहोवा की ओर से धन्य पुरूष भीतर आ: तू क्यों बाहर खड़ा है? मैं ने घर को, और ऊंटो के लिये भी स्थान तैयार किया है।

32. और वह पुरूष घर में गया; और लाबान ने ऊंटों की काठियां खोल कर पुआल और चारा दिया; और उसके, और उसके संगी जनो के पांव धोने को जल दिया।

33. तब इब्राहीम के दास के आगे जलपान के लिये कुछ रखा गया: पर उसने कहा मैं जब तक अपना प्रयोजन न कह दूं, तब तक कुछ न खाऊंगा। लाबान ने कहा, कह दे।

34. तब उसने कहा, मैं तो इब्राहीम का दास हूं।

35. और यहोवा ने मेरे स्वामी को बड़ी आशीष दी है; सो वह महान पुरूष हो गया है; और उसने उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, सोना-रूपा, दास-दासियां, ऊंट और गदहे दिए हैं।

36. और मेरे स्वामी की पत्नी सारा के बुढ़ापे में उससे एक पुत्र उत्पन्न हुआ है। और उस पुत्र को इब्राहीम ने अपना सब कुछ दे दिया है।

37. और मेरे स्वामी ने मुझे यह शपथ खिलाई, कि मैं उसके पुत्र के लिये कनानियों की लड़कियों में से जिन के देश में वह रहता है, कोई स्त्री न ले आऊंगा।

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