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उत्पत्ति 24:17-27 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

17. तब वह दास उससे भेंट करने को दौड़ा, और कहा, अपने घड़े में से थोड़ा पानी मुझे पिला दे।

18. उसने कहा, हे मेरे प्रभु, ले, पी ले: और उसने फुर्ती से घड़ा उतार कर हाथ में लिये लिये उसको पिला दिया।

19. जब वह उसको पिला चुकी, तक कहा, मैं तेरे ऊंटों के लिये भी तब तक पानी भर भर लाऊंगी, जब तक वे पी न चुकें।

20. तब वह फुर्ती से अपने घड़े का जल हौदे में उण्डेल कर फिर कुएं पर भरने को दौड़ गई; और उसके सब ऊंटों के लिये पानी भर दिया।

21. और वह पुरूष उसकी ओर चुपचाप अचम्भे के साथ ताकता हुआ यह सोचता था, कि यहोवा ने मेरी यात्रा को सफल किया है कि नहीं।

22. जब ऊंट पी चुके, तब उस पुरूष ने आध तोले सोने का एक नथ निकाल कर उसको दिया, और दस तोले सोने के कंगन उसके हाथों में पहिना दिए;

23. और पूछा, तू किस की बेटी है? यह मुझ को बता दे। क्या तेरे पिता के घर में हमारे टिकने के लिये स्थान है?

24. उसने उत्तर दिया, मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्र बतूएल की बेटी हूं।

25. फिर उस ने उस से कहा, हमारे यहां पुआल और चारा बहुत है, और टिकने के लिये स्थान भी है।

26. तब उस पुरूष ने सिर झुका कर यहोवा को दण्डवत करके कहा,

27. धन्य है मेरे स्वामी इब्राहीम का परमेश्वर यहोवा, कि उसने अपनी करूणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से हटा नहीं लिया: यहोवा ने मुझ को ठीक मार्ग पर चला कर मेरे स्वामी के भाई बन्धुओं के घर पर पहुचा दिया है।

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