3. इसके विषय में यहोवा पछताया, और उस से कहा, ऐसी बात अब न होगी॥
4. परमेश्वर यहोवा ने मुझे यह दिखाया: और क्या देखता हूं कि परमेश्वर यहोवा ने आग के द्वारा मुकद्दमा लड़ने को पुकारा, और उस आग से महासागर सूख गया, और देश भी भस्म हुआ चाहता था।
5. तब मैं ने कहा, हे परमेश्वर यहोवा, थम जा! नहीं तो याकूब कैसे स्थिर रह सकेगा? वह कैसा निर्बल है।
6. इसके विषय में भी यहोवा पछताया; और परमेश्वर यहोवा ने कहा, ऐसी बात फिर न होगी॥