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अय्यूब 6:20-27 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

20. वे लज्जित हुए क्योंकि उन्होंने भरोसा रखा था और वहां पहुँचकर उनके मुंह सूख गए।

21. उसी प्रकार अब तुम भी कुछ न रहे; मेरी विपत्ति देखकर तुम डर गए हो।

22. क्या मैं ने तुम से कहा था, कि मुझे कुछ दो? वा अपनी सम्पत्ति में से मेरे लिये घूस दो?

23. वा मुझे सताने वाले के हाथ से बचाओ? वा उपद्रव करने वालों के वश से छुड़ा लो?

24. मुझे शिक्षा दो और मैं चुप रहूंगा; और मुझे समझाओ, कि मैं ने किस बान में चूक की है।

25. सच्चाई के वचनों में कितना प्रभाव होता है, परन्तु तुम्हारे विवाद से क्या लाभ होता है?

26. क्या तुम बातें पकड़ने की कल्पना करते हो? निराश जन की बातें तो वायु की सी हैं।

27. तुम अनाथों पर चिट्ठी डालते, और अपने मित्र को बेचकर लाभ उठाने वाले हो।

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