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अय्यूब 41:19-31 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

19. उसके मुंह से जलते हुए पलीते निकलते हैं, और आग की चिनगारियां छूटती हैं।

20. उसके नथुनों से ऐसा धुआं निकलता है, जैसा खौलती हुई हांड़ी और जलते हुए नरकटों से।

21. उसकी सांस से कोयले सुलगते, और उसके मुंह से आग की लौ निकलती है।

22. उसकी गर्दन में सामर्थ्य बनी रहती है, और उसके साम्हने डर नाचता रहता है।

23. उसके मांस पर मांस चढ़ा हुआ है, और ऐसा आपस में सटा हुआ है जो हिल नहीं सकता।

24. उसका हृदय पत्थर सा दृढ़ है, वरन चक्की के निचले पाट के समान दृढ़ है।

25. जब वह उठने लगता है, तब सामथीं भी डर जाते हैं, और डर के मारे उनकी सुध बुध लोप हो जाती है।

26. यदि कोई उस पर तलवार चलाए, तो उस से कुछ न बन पड़ेगा; और न भाले और न बर्छी और न तीर से।

27. वह लोहे को पुआल सा, और पीतल को सड़ी लकड़ी सा जानता है।

28. वह तीर से भगाया नहीं जाता, गोफन के पत्थर उसके लिये भूसे से ठहरते हैं।

29. लाठियां भी भूसे के समान गिनी जाती हैं; वह बर्छी के चलने पर हंसता है।

30. उसके निचले भाग पैने ठीकरे के समान हैं, कीच पर मानो वह हेंगा फेरता है।

31. वह गहिरे जल को हंडे की नाईं मथता है: उसके कारण नील नदी मरहम की हांडी के समान होती है।

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