15. उस जलगज को देख, जिस को मैं ने तेरे साथ बनाया है, वह बैल की नाईं घास खाता है।
16. देख उसकी कटि में बल है, और उसके पेट के पट्ठों में उसकी सामर्थ्य रहती है।
17. वह अपनी पूंछ को देवदार की नाईं हिलाता है; उसकी जांघों की नसें एक दूसरे से मिली हुई हैं।
18. उसकी हड्डियां मानो पीतल की नलियां हैं, उसकी पसुलियां मानो लोहे के बेंड़े हैं।