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अय्यूब 34:1-11 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. फिर एलीहू यों कहता गया;

2. हे बुद्धिमानो! मेरी बातें सुनो, और हे ज्ञानियो! मेरी बातों पर कान लगाओ;

3. क्योंकि जैसे जीभ से चखा जाता है, वैसे ही वचन कान से परखे जाते हैं।

4. जो कुछ ठीक है, हम अपने लिये चुन लें; जो भला है, हम आपस में समझ बूझ लें।

5. क्योंकि अय्यूब ने कहा है, कि मैं निर्दोष हूँ, और ईश्वर ने मेरा हक़ मार दिया है।

6. यद्यपि मैं सच्चाई पर हूं, तौभी झूठा ठहरता हूँ, मैं निरपराध हूँ, परन्तु मेरा घाव असाध्य है।

7. अय्यूब के तुल्य कौन शूरवीर है, जो ईश्वर की निन्दा पानी की नाईं पीता है,

8. जो अनर्थ करने वालों का साथ देता, और दुष्ट मनुष्यों की संगति रखता है?

9. उसने तो कहा है, कि मनुष्य को इस से कुछ लाभ नहीं कि वह आनन्द से परमेश्वर की संगति रखे।

10. इसलिऐ हे समझवालो! मेरी सुनो, यह सम्भव नहीं कि ईश्वर दुष्टता का काम करे, और सर्वशकितमान बुराई करे।

11. वह मनुष्य की करनी का फल देता है, और प्रत्येक को अपनी अपनी चाल का फल भुगताता है।

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