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अय्यूब 33:26-33 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

26. वह ईश्वर से बिनती करेगा, और वह उस से प्रसन्न होगा, वह आनन्द से ईश्वर का दर्शन करेगा, और ईश्वर मनुष्य को ज्यों का त्यों धमीं कर देगा।

27. वह मनुष्यों के साम्हने गाने और कहने लगता है, कि मैं ने पाप किया, और सच्चाई को उलट पुलट कर दिया, परन्तु उसका बदला मुझे दिया नहीं गया।

28. उसने मेरे प्राण क़ब्र में पड़ने से बचाया है, मेरा जीवन उजियाले को देखेगा।

29. देख, ऐसे ऐसे सब काम ईश्वर पुरुष के साथ दो बार क्या वरन तीन बार भी करता है,

30. जिस से उसको क़ब्र से बचाए, और वह जीवनलोक के उजियाले का प्रकाश पाए।

31. हे अय्यूब! कान लगा कर मेरी सुन; चुप रह, मैं और बोलूंगा।

32. यदि तुझे बात कहनी हो, तो मुझे उत्तर दे; बोल, क्योंकि मैं तुझे निर्दोष ठहराना चाहता हूँ।

33. यदि नहीं, तो तु मेरी सुन; चुप रह, मैं तुझे बुद्धि की बात सिखाऊंगा।

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