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अय्यूब 32:13-22 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

13. तुम लोग मत समझो कि हम को ऐसी बुद्धि मिली है, कि उसका खण्डन मनुष्य नहीं ईश्वर ही कर सकता है।

14. जो बातें उसने कहीं वह मेरे विरुद्ध तो नहीं कहीं, और न मैं तुम्हारी सी बातों से उसको उत्तर दूंगा।

15. वे विस्मित हुए, और फिर कुछ उत्तर नहीं दिया; उन्होंने बातें करना छोड़ दिया।

16. इसलिये कि वे कुछ नहीं बोलते और चुपचाप खड़े हैं, क्या इस कारण मैं ठहरा रहूं?

17. परन्तु अब मैं भी कुछ कहूंगा मैं भी अपना विचार प्रगट करूंगा।

18. क्योंकि मेरे मन में बातें भरी हैं, और मेरी आत्मा मुझे उभार रही है।

19. मेरा मन उस दाखमधु के समान है, जो खोला न गया हो; वह नई कुप्पियों की नाईं फटा चाहता है।

20. शान्ति पाने के लिये मैं बोलूंगा; मैं मुंह खोल कर उत्तर दूंगा।

21. न मैं किसी आदमी का पक्ष करूंगा, और न मैं किसी मनुष्य को चापलूसी की पदवी दूंगा।

22. क्योंकि मुझे तो चापलूसी करना आता ही नहीं नहीं तो मेरा सिरजनहार झण भर में मुझे उठा लेता।

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