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अय्यूब 21:16-28 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

16. देखो, उनका कुशल उनके हाथ में नहीं रहता, दुष्ट लोगों का विचार मुझ से दूर रहे।

17. कितनी बार दुष्टों का दीपक बुझ जाता है, और उन पर विपत्ति आ पड़ती है; और ईश्वर क्रोध कर के उनके बांट में शोक देता है,

18. और वे वायु से उड़ाए हुए भूसे की, और बवण्डर से उड़ाई हुई भूसी की नाईं होते हैं।

19. ईश्वर उसके अधर्म का दण्ड उसके लड़के-बालों के लिये रख छोड़ता है, वह उसका बदला उसी को दे, ताकि वह जान ले।

20. दुष्ट अपना नाश अपनी ही आंखों से देखे, और सर्वशक्तिमान की जलजलाहट में से आप पी ले।

21. क्योंकि जब उसके महीनों की गिनती कट चुकी, तो अपने बाद वाले घराने से उसका क्या काम रहा।

22. क्या ईश्वर को कोई ज्ञान सिखाएगा? वह तो ऊंचे पद पर रहने वालों का भी न्याय करता है।

23. कोई तो अपने पूरे बल में बड़े चैन और सुख से रहता हुआ मर जाता है।

24. उसकी दोहनियां दूध से और उसकी हड्डियां गूदे से भरी रहती हैं।

25. और कोई अपने जीव में कुढ़ कुढ़कर बिना सुख भोगे मर जाता है।

26. वे दोनोंबराबर मिट्टी में मिल जाते हैं, और कीड़े उन्हें ढांक लेते हैं।

27. देखो, मैं तुम्हारी कल्पनाएं जानता हूँ, और उन युक्तियों को भी, जो तुम मेरे विषय में अन्याय से करते हो।

28. तुम कहते तो हो कि रईस का घर कहां रहा? दुष्टों के निवास के डेरे कहां रहे?

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