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2 शमूएल 22:5-20 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

5. मृत्यु के तरंगों ने तो मेरे चारों ओर घेरा डाला, नास्तिकपन की धाराओं ने मुझ को घबड़ा दिया था;

6. अधोलोक की रस्सियां मेरे चारों ओर थीं, मृत्यु के फन्दे मेरे साम्हने थे।

7. अपने संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया। और उसने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दोहाई उसके कानों में पहुंची।

8. तब पृथ्वी हिल गई और डोल उठी; और आकाश की नेवें कांपकर बहुत ही हिल गई, क्योंकि वह अति क्रोधित हुआ था।

9. उसके नथनों से धुंआ निकला, और उसके मुंह से आग निकल कर भस्म करने लगी; जिस से कोयले दहक उठे।

10. और वह स्वर्ग को झुका कर नीचे उतर आया; और उसके पांवों के तले घोर अंधकार छाया था।

11. और वह करूब पर सवार हो कर उड़ा, और पवन के पंखों पर चढ़कर दिखाई दिया।

12. और उसने अपने चारों ओर के अंधियारे को, मेघों के समूह, और आकाश की काली घटाओं को अपना मण्डप बनाया।

13. उसके सम्मुख की झलक तो उसके आगे आगे थी, आग के कोयले दहक उठे।

14. यहोवा आकाश में से गरजा, और परमप्रधान ने अपनी वाणी सुनाई।

15. उसने तीर चला चला कर मेरे शत्रुओं को तितर बितर कर दिया, और बिजली गिरा गिराकर उसको परास्त कर दिया।

16. तब समुद्र की थाह दिखाई देने लगी, और जगत की नेवें खुल गई, यह तो यहोवा की डांट से, और उसके नथनों की सांस की झोंक से हुआ।

17. उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया, और मुझे गहरे जल में से खींचकर बाहर निकाला।

18. उसने मुझे मेरे बलवन्त शत्रु से, और मेरे बैरियों से, जो मुझ से अधिक सामथीं थे, मुझे छुड़ा लिया।

19. उन्होंने मेरी विपत्ति के दिन मेरा साम्हना तो किया; परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था।

20. और उसने मुझे निकाल कर चौड़े स्थान में पहुंचाया; उसने मुझ को छुड़ाया, क्योंकि वह मुझ से प्रसन्न था।

पूरा अध्याय पढ़ें 2 शमूएल 22