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2 राजा 4:30-41 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

30. तब लड़के की मां ने एलीशा से कहा, यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे न छोड़ूंगी। तो वह उठ कर उसके पीछे पीछे चला।

31. उन से पहिले पहुंच कर गेहजी ने छड़ी को उस लड़के के मुंह पर रखा, परन्तु कोई शब्द न सुन पड़ा, और न उसने कान लगाया, तब वह एलीशा से मिलने को लौट आया, और उसको बतला दिया, कि लड़का नहीं जागा।

32. जब एलीशा घर में आया, तब क्या देखा, कि लड़का मरा हुआ उसकी खाट पर पड़ा है।

33. तब उसने अकेला भीतर जा कर किवाड़ बन्द किया, और यहोवा से प्रार्थना की।

34. तब वह चढ़कर लड़के पर इस रीति से लेट गया कि अपना मुंह उसके मुंह से और अपनी आंखें उसकी आंखों से और अपने हाथ उसके हाथों से मिला दिये और वह लड़के पर पसर गया, तब लड़के की देह गर्म होने लगी।

35. और वह उसे छोड़कर घर में इधर उधर टहलने लगा, और फिर चढ़ कर लड़के पर पसर गया; तब लड़के ने सात बार छींका, और अपनी आंखें खोलीं।

36. तब एलीशा ने गेहजी को बुला कर कहा, शूनेमिन को बुला ले। जब उसके बुलाने से वह उसके पास आई, तब उसने कहा, अपने बेटे को उठा ले।

37. वह भीतर गई, और उसके पावों पर गिर भूमि तक झुककर दण्डवत किया; फिर अपने बेटे को उठा कर निकल गई।

38. तब एलीशा गिलगाल को लौट गया। उस समय देश में अकाल था, और भविष्यद्वक्ताओं के चेले उसके साम्हने बैटे हुए थे, और उसने अपने सेवक से कहा, हण्डा चढ़ा कर भविष्यद्वक्ताओं के चेलों के लिये कुछ पका।

39. तब कोई मैदान में साग तोड़ने गया, और कोई जंगली लता पाकर अपनी अंकवार भर इन्द्रायण तोड़ ले आया, और फांक फांक कर के पकने के लिये हण्डे में डाल दिया, और वे उसको न पहिचानते थे।

40. तब उन्होंने उन मनुष्यों के खाने के लिये हण्डे में से परोसा। खाते समय वे चिल्लाकर बोल उठे, हे परमेश्वर के भक्त हण्डे में माहुर है, और वे उस में से खा न सके।

41. तब एलीशा ने कहा, अच्छा, कुछ मैदा ले आओ, तब उसने उसे हण्डे में डाल कर कहा, उन लोगों के खाने के लिये परोस दे, फिर हण्डे में कुछ हानि की वस्तु न रही।

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